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सहनशीलता वृक्षों से सीखों

सहनशीलता वृक्षों से सीखों 

चाहे आंधी आएं या तूफान
गर्मी सर्दी बरसात में 
वृक्ष खड़ा रहता है सीना तान 
सहनशीलता वृक्षों से सीखों।
अज्ञानता की लौ को दूर कर 
ज्ञान की लौ को प्रज्वलित करो
मेरी आपसे विनती है कि 
सहनशीलता वृक्षों से सीखों।
अजब निराला है खेल जगत का
जिंदगी है चार दिनों की
अगर कुछ कर गुजरने की चाहत है तो 
सहनशीलता वृक्षों से सीखों।
जो हमेशा सावधान रहता है 
उसका काल भी कुछ नही बिगाड़ सकता है 
वृक्ष कल भी था, आज भी है और कल भी रहेगा
सहनशीलता वृक्षों से सीखों।
सब फिरते है दौलत के पीछे
इस पल भर की जिंदगी के लिए 
जिंदगी की जंग जीतना चाहते है तो 
सहनशीलता वृक्षों से सीखों।
वृक्षों पर पत्थर मारो तो 
वृक्ष हमें मीठा फल देती है 
मत करो अभिमान पद धन बल पर 
सहनशीलता वृक्षों से सीखों।

नूतन लाल साहू

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1 Comments

Gunjan Kamal

03-Jun-2024 01:45 PM

शानदार

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